1. आय असमानता (Income Inequality) :-
सिद्धांत: आय असमानता को गिनी गुणांक (Gini Coefficient) से मापा जाता है।
What is Gini Coefficient?
- विवरण: भारत में आय असमानता काफी अधिक है, जहाँ जिनी गुणांक ऊँचा है। समृद्ध अभिजात वर्ग राष्ट्र की संपत्ति का असमान रूप से बड़ा हिस्सा नियंत्रित करता है।
- उदाहरण: भारत की कुल आबादी का शीर्ष 1% वर्ग देश की संपत्ति का एक बड़ा 1हिस्सा अपने पास रखता है।
1. बेरोज़गारी (Unemployment) :-
- सिद्धांत: ओकुन का नियम (Okun’s Law), GDP की वृद्धि दर और बेरोज़गारी दर के बीच संबंध को स्पष्ट करता है।
- विवरण: भारत संरचनात्मक और चक्रीय बेरोज़गारी दोनों का सामना कर रहा है। कौशल और रोजगार के अवसरों के बीच असमानता एक गंभीर समस्या है।
- उदाहरण: कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों दिहाड़ी मज़दूरों ने अपनी नौकरियाँ खो दीं, जिससे असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों की असुरक्षा उजागर हुई।
1. गरीबी (Poverty) :-
- सिद्धांत: अमर्त्य सेन का क्षमता दृष्टिकोण (Capability Approach) गरीबी का आकलन लोगों के अवसरों और विकल्पों की उपलब्धता के आधार पर करता है।
- विवरण: आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारत की एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती है। भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की कमी चिंता का विषय है।
- उदाहरण:- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) जैसी सरकारी योजनाएँ ग्रामीण गरीबी को कम करने का प्रयास करती हैं।
2. ग्रामीण-शहरी विभाजन (Rural-Urban Divide) :-
- सिद्धांत: लुईस द्वि-क्षेत्र मॉडल (Lewis Dual Sector Model) कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से औद्योगिक अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण को समझाता है।
- विवरण: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विकास, बुनियादी ढाँचे और अवसरों में गहरी खाई मौजूद है।
- उदाहरण: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच असमानताएँ बनी हुई हैं।
3. भ्रष्टाचार (Corruption) :-
- सिद्धांत: प्रधान-एजेंट सिद्धांत (Principal-Agent Theory) सरकारी अधिकारियों (एजेंट) और जनता (प्रधान) के बीच संबंधों की व्याख्या करता है।
- विवरण: भारत में भ्रष्टाचार एक व्यापक समस्या है, जो सरकारी सेवाओं को प्रभावित करता है और आर्थिक विकास को कमजोर करता है।
- उदाहरण: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कॉमनवेल्थ खेलों जैसे घोटालों ने जनता के विश्वास को क्षति पहुँचाई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ (Features of the Indian Economy) :-
1. मिश्रित अर्थव्यवस्था :-
- सिद्धांत: मिश्रित अर्थव्यवस्था पूँजीवाद और समाजवाद दोनों के तत्वों का संयोजन करती है।
- विवरण: भारत मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल का पालन करता है, जहाँ सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र सह-अस्तित्व में हैं। रेलवे और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्र सरकारी स्वामित्व में हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों को निजी उद्यमों के लिए खोला गया है।
- उदाहरण: भारतीय स्टेट बैंक जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, एचडीएफसी बैंक जैसे निजी बैंकों के साथ सह-अस्तित्व में हैं।
2. कृषि प्रभुत्व :-
- सिद्धांत: कृषि उत्पादकता सिद्धांत (Agriculture Productivity Theory) आर्थिक विकास में कृषि की भूमिका को समझाता है।
- विवरण: कृषि भारतीय आबादी के बड़े हिस्से को रोजगार प्रदान करती है, लेकिन GDP में इसका योगदान अपेक्षाकृत कम है। यह क्षेत्र कम उत्पादकता और आधुनिकीकरण की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- उदाहरण: 1960 के दशक में हरित क्रांति ने फ़सलों की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि की और भारतीय कृषि को परिवर्तित कर दिया।
3.सेवा क्षेत्र में उछाल :-
- सिद्धांत: संरचनात्मक परिवर्तन सिद्धांत (Structural Transformation Theory) कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव की व्याख्या करता है।
- विवरण: भारत का सेवा क्षेत्र, विशेषकर आईटी और बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO), उल्लेखनीय वृद्धि कर चुका है और GDP में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- उदाहरण: TCS, Infosys और Wipro जैसी कंपनियाँ आईटी सेवाओं में वैश्विक अग्रणी बन चुकी हैं।
4. जनसांख्यिकीय लाभांश :-
- सिद्धांत: जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धांत (Demographic Transition Theory) जनसंख्या की आयु संरचना के आर्थिक विकास पर प्रभाव को समझाता है।
- विवरण: भारत की जनसंख्या में युवाओं का बड़ा हिस्सा है और यह जनसांख्यिकीय लाभांश अवसरों के साथ-साथ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है। उचित कौशल विकास और रोजगार सृजन अत्यंत आवश्यक हैं।
- उदाहरण: भारत की युवा कार्यबल आईटी और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है।
5. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) :-
- सिद्धांत: निवेश विकास पथ (Investment Development Path – IDP) सिद्धांत किसी देश में विदेशी निवेश के चरणों को समझाता है।
- विवरण: भारत ने अपनी नीतियों को उदार बनाकर खुदरा, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में FDI आकर्षित किया है।
- उदाहरण: भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में Amazon और Walmart का निवेश FDI प्रवाह को दर्शाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):-
भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतियों और विशिष्ट विशेषताओं का मिश्रण प्रस्तुत करती है। आय असमानता, बेरोज़गारी, गरीबी और भ्रष्टाचार जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दे गंभीर हैं और इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- वहीं, मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल, कृषि का प्रभुत्व, उभरता सेवा क्षेत्र, जनसांख्यिकीय लाभांश और FDI प्रवाह विकास और प्रगति के अवसर प्रदान करते हैं।
- सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान करते हुए अर्थव्यवस्था की ताक़तों का उपयोग करना भारत के सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।